आप किसी भी शराब पीने वाले से पूछ लीजिए कि क्या आपको शराब पीने की लत है? सीधा-सीधा उत्तर
मिलेगा जी नहीं मैं तो सिर्फ शौकिया पीता हूँ, कभी कभी। आप कैसे जान सकते हैं की आप को शराब की लत तो नहीं?
विशेषज्ञों ने इसके लिए एक प्रश्नपत्र तैयार किया हैं जिसे केज (CAGE) प्रश्नोत्तरी कहते हैं। इसमें 4 प्रश्न होते हैं। यदि आपके लिए इनमें से किसी एक प्रश्न उत्तर हां में और
बाकी का न में हो तो यह माना जाता हैं कि शराब पीना आपके लिए समस्या बनने वाला है
पर अभी आपको शराब की लत नहीं लगी। अगर इनमें से दो या दो से अधिक प्रश्नों के
उत्तर हां में हैं तो यह मानना चाहिये कि आपको शराब की लत लग चुकी है और आपको
शारीरिक व मानसिक उपचार की आवश्यकता है।
केज (CAGE) प्रश्नोत्तरी
1- क्या आपको कभी लगा
कि आपको अपने पीने की आदत में कमी लानी चाहिए?
2- जब कोई आपके सामने
आपके शराब पीने को लेकर कोई कटाक्ष करता हैं तो क्या आप झुंझला जाते हैं?
3- क्या अधिक पीने पर
आपको ग्लानि होती है?
4- क्या सबेरे उठते
ही आपको सामान्य रहने के लिए शराब लेनी पड़ती है?
हर रोज कितनी और कब से पी रहे हैं आप ?
यदि कोई पुरूष प्रतिदिन 60 ग्राम से अधिक एल्कोहल (करीब तीन पैग या ज्यादा पीता है तो 5 सालों में उसे जिगर की सूजन (हिपेटाइटिस) और करीब 10 सालों में सिरहोसिस हो सकती है। महिलाओं को तो सिर्फ दो पैग
रोज लेने पर ही 5 से 10 साल के भीतर ही जिगर की इन बीमारियों खतरा बन जाता है।
क्या बीयर या अच्छी शराब नुकसान नहीं करती ?
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप बीयर पीते हैं, शैम्पेन, रम या देशी
शराब आपकी शराब में एल्कोहल की मात्रा के आधार पर हर शराब जिगर को नुकसान पहुँचाती
है। इसलिये सिर्फ बीयर का सेवन करने वाले खुशफहमी न पालें । उनकी बीयर भी उनके जिगर को
उसी तरह का नुकसान पहुँचाती हैं जिस तरह कि देशी शराब।
क्या होता है शराब का शरीर में ?
शराब पीने पर इसमें उपस्थित एल्कोहल की कुछ (बहुत थोड़ी) मात्रा मुंह, भोजन नली (ईसोफेगस), आमाशय आदि की झिल्लियॉ द्वारा सोख ली जाती है। पर अधिकांश मात्रा छोटी आंत की
झिल्ली से सोख कर जिगर में ले जाई जाती है। जिगर इसे निष्क्रिय करके शरीर से बाहर
निकालता है। एल्कोहल की करीब 5 प्रतिशत मात्रा
गुर्दे के जरिए और करीब-करीब इतनी ही सांस के जरिए शरीर से बाहर निकल जाती है।
शराब जहर है जिगर के लिए
जो शराब आप पीते हैं उसे सुविधापूर्वक अहानिकारक पदार्थो में बदलने का जिम्मा
है जिगर का, जहां से यह विभिन्न तरीकों से शरीर से
बाहर निकल सके और शरीर इसके हानिकारक प्रभाव से बचा रहे। कभी-कभी जिगर को इसकी
कीमत भी चुकानी पड़ती हैं, खास कर तब जब आपको
इस की लत लग गई हो ।
क्या सारे पीने वालों को होती है जिगर की बीमारी?
हालांकि एल्कोहल जिगर को सीधे-सीधे नुकसान पहुचाता हैं पर 10 से 20 प्रतिशत शराबियों
में ही जिगर की सूजन होती देखी गई हैं उतनी ही शराब पीने के बावजूद कुछ लोगों में
जिगर की सूजन होती हैं कुछ में नहीं। ऐसा क्यों होता है यह अब तक पता नहीं चल पाया
है।
किस-किस को शराब से जिगर की सूजन का ज्यादा खतरा होता है ?
• रोज नियम से शराब पीने वालों को
• स्त्रियों को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा
• रोज तीन चार पैग (स्त्रियों में दो पैग) करीब 10 वर्ष तक पीने वालों को
• जिनके जिगर में पहले से ही हिपेटाइटिस-सी का इन्फेक्शन हो
शराब महिलाओं के लिये ज्यादा खतरनाक है
ये सर्वविदित तथ्य है। चूंकि महिलाओं में मसल (मांसपेशियाँ) कम होती हैं और
वसा या फैट ज्यादा होता है। मांस में तरल पदार्थ ज्यादा होता है अत: पुरुषों में
मांसपेशियाँ ज्यादा होने से शराब पीने पर शरीर में एल्कोहल की मात्रा ज्यादा तरल
पदार्थ में विलीन हो जाती है फलस्वरूप रक्त में एल्कोहल का सांद्रण (मात्रा प्रति
मिलीलीटर) कम रहती है। इसके विपरीत महिलाओं में मांसपेशियाँ हल्की होने के कारण एल्कोहल
की समान मात्रा कम तरल पदार्थ में विलीन होती है फलस्वरूप एल्कोहल की समान मात्रा
लेने पर भी उनके रक्त में एल्कोहल का सांद्रण साद्रण
पुरुषों की अपेक्षा अधिक हो जाता है और इससे उन में होने वाले खतरे भी ज्यादा हो जाते हैं।
तरह तरह का पीना
एल्कोहलिक पेय के लेबिल पर लिखे एल्कोहल के प्रतिशत के हिसाब से गुणा-भाग करके
ये पता करें कि आप प्रतिदिन एल्कोहल की कितनी मात्रा ले रहे हैं फिर निम्न सारिणी
से मिलान करें कि क्या यह आपके लिये सुरक्षित है?
कैसा पीना?
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पुरुषों के लिए अल्कोहल की मात्रा/दिन
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स्त्रियों के लिए अल्कोहल की मात्रा/दिन
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सुरक्षित पीना
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40 ग्राम से कम
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20 ग्राम से कम
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नुकसानदेह पीना
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40से 60 ग्राम तक
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20से 40 ग्राम तक
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खतरनाक पीना
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60 ग्राम से अधिक
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40 ग्राम से अधिक
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पीने के बावजूद भी रोक सकते हैं जिगर को बीमार होनेसे अगर....
• पुरुष एक दिन में 4( सप्ताह भर में 21 से अधिक) और महिलाएं एक दिन में तीन
(सप्ताह भर में 14 से अधिक से अधिक )
पैग न पिए॥
• गर्भवती महिलाएं तो बिलकुल ही न पिएं।
• पीने को रोजाना की आदत न बनाएं।
• एक बार में ज्यादा न पिएं।
उपचार
इसका एक मात्र प्रभावी उपचार हैं शराब से
हमेशा -हमेशा को अलविदा कहना। लेकिन इतनी लम्बी अवधि से जो व्यक्ति शराब पी रहा
होता है उसके द्वारा शराब का सेवन बंद करते ही उनको तरह-तरह की शरीरिक
परेशानियां होने लगती हैं जिनमें से कुछ जानलेवा भी हो सकती हैं। इस स्थिति
को “एल्कोहल विद्ड्राल सिंड्रोम” कहते हैं अत: शराब छुडाने के लिये किसी योग्य मनोचिकित्सक
या नशा उन्मूलन केंद्र की मदद जरूर लेनी चाहिए। इसमें रोगी को अस्पताल में भरती
होने की जरूरत भी पड़ सकती है।
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